Hapur News: चिता पर रखा शव निकला प्लास्टिक की डमी – असली शव लापता, दो गिरफ्तार

Hapur News: चिता पर रखा शव निकला प्लास्टिक की डमी – असली शव लापता, दो गिरफ्तार

Hapur News: तीर्थनगरी ब्रजघाट का शांत माहौल गुरुवार दोपहर अचानक अफरातफरी में बदल गया, जब श्मशान घाट पर चल रहे अंतिम संस्कार के बीच चिता पर रखे शव के कफन हटते ही वह असली नहीं बल्कि प्लास्टिक की डमी निकला। घटना की सूचना मिलते ही माहौल गहमागहमी से भर गया और कुछ ही मिनटों में क्षेत्र में भारी भीड़ और पुलिस पहुंच गई।

परिजन अस्पताल से शव लेकर आये थे

जानकारी के अनुसार, पालम क्षेत्र निवासी कमल कुमार, जो करोल बाग में कपड़ों का कारोबार करते हैं, के यहां वर्षों से उड़ीसा के अंशुल (आयु लगभग 30 वर्ष) कामगार के रूप में काम करते थे। लगभग छह दिन पहले अंशुल की तबियत खराब होने पर कमल ने उसे पालम स्थित अंसारी अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल के डॉक्टरों ने बुधवार देर रात अंशुल को मृत घोषित कर उसके शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। कमल, आशीष और उनके साथी गुरुवार सुबह ब्रजघाट पहुँचे थे ताकि अंशुल का दाह संस्कार किया जा सके।

कफन हटते ही हुआ चौंकाने वाला नजारा

श्रद्धालुओं और परिजनों के मौजूद रहने के बीच अंतिम संस्कार की रस्में चल रही थीं — पुजारी मंत्रउच्चारण कर रहे थे और चिता की लकड़ियाँ सजी हुई थीं। जैसे ही कफन हटाया गया, उपस्थित लोगों की नजर चिता पर रखी वस्तु पर पड़ी। वह कोई मानव शरीर नहीं बल्कि इंसानी आकार की प्लास्टिक की डमी निकली। कई लोगों ने पहले विश्वास नहीं किया, फिर कफन पूरी तरह हटाकर देखा गया तो सभी के होश उड़े। मौके पर ही अफरातफरी मची और लोग यह पूछने लगे कि “असली शव कहाँ है?”

घटनास्थल पर पहुंची ब्रजघाट पुलिस ने शव लेकर आई कार की तलाशी की तो उसमें दो और इंसानी आकार की डमी बरामद हुईं। यह बात मिलने के बाद पुलिस भी चौकन्नी हो गई और संदेह की परिधि बढ़ गई। पुलिस ने डमी और कार को कब्जे में लिया और मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है।

पुलिस की कार्रवाई: दो गिरफ्तार, सामग्री ज़ब्त

पुलिस ने मौके से त्वरित कार्रवाई करते हुए दो संदिग्ध युवकों को हिरासत में ले लिया और शव लेकर आई कार सहित तीनों डमी जब्त कर लीं। पुलिस अधिकारी घटना को संवेदनशील और संदिग्ध करार दे रहे हैं और मामला कई संभावित एंगल पर जांच विभाग के संज्ञान में है।

जांच टीम ने मामले के कई पहलुओं पर तेज़ी से काम शुरु कर दिया है। पुलिस द्वार बताये गए प्रमुख एंगलों में अस्पताल द्वारा किसी अन्य शव के साथ अदला-बदली की आशंका, मृतक का असली शव छिपाने या कहीं और भेजने की संभावना, कार में मिली डमी का अपराध में उपयोग तथा किसी बड़े रैकेट या अवैध व्यापार से पुख्ता संबंध की जांच शामिल है। परिजनों और साथ लाए लोगों की भूमिका की भी छानबीन की जा रही है।

रिकॉर्ड और साक्ष्यों की जांच होगी

पुलिस ने बताया है कि जांच टीम अस्पताल के CCTV फुटेज, शवगृह के रिकॉर्ड, ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों और स्टाफ, एम्बुलेंस और शव सुपुर्दगी की प्रक्रिया की गहन जांच करेगी। साथ ही पोस्टमार्टम रिकॉर्ड, शव पर होने वाली औपचारिकताएँ और अस्पताल से जुड़े दस्तावेज भी खंगाले जाएंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि असली शव कहां गया और क्यों डमी का उपयोग किया गया।

ब्रजघाट के स्थानीय लोग घटना को सामान्य दुर्घटना नहीं मान रहे और इसे किसी बड़ी गड़बड़ी या आपराधिक साजिश से जोड़कर देख रहे हैं। लोगों ने आशंका जताई कि क्या यह अवैध अंग तस्करी या शव तस्करी का भाग तो नहीं है और सर्वाधिक पूछताछ का विषय बना हुआ है कि “अंशुल का असली शव कहाँ है?”

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