
Chandauli News: नसबंदी के बावजूद महिला गर्भवती, स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही के गंभीर आरोप
Chandauli News: चंदौली जिले के नौगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में परिवार नियोजन कार्यक्रम की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। सोनभद्र जिले के पूरना गाँव की रहने वाली राधिका देवी ने इसी वर्ष 24 जनवरी 2025 को नौगढ़ CHC में नसबंदी करवाई थी। इसके बावजूद अब उनके तीन माह के गर्भवती होने की पुष्टि हुई है। यह घटना तकनीकी और प्रक्रियागत चूक की ओर संकेत कर रही है।
नसबंदी के बाद भी गर्भ ठहरने से परिवार में चिंता
राधिका देवी, जिनके दो बच्चे पहले से हैं और जिनका छोटा बच्चा लगभग तीन वर्ष का है, ने महँगाई के दौर में छोटे परिवार की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए नसबंदी का निर्णय लिया था। नसबंदी को एक स्थायी गर्भनिरोधक उपाय माना जाता है, लेकिन उसके बावजूद गर्भधारण होने से परिवार में चिंता और आक्रोश दोनों की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर संदेह खड़ा हो रहा है।
‘हम दो हमारे दो’ की नीति पर पड़ा असर
राधिका देवी के पति जितेंद्र का कहना है कि महँगाई के दौर में एक और अनियोजित बच्चे की जिम्मेदारी उठाना उनके लिए बेहद कठिन होगा। उनका उद्देश्य परिवार के आकार को संतुलित रखना और बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आर्थिक स्थिरता बनाए रखना था। जितेंद्र के मुताबिक, इस लापरवाही ने उनके परिवार की आर्थिक योजना को बाधित कर दिया है और भविष्य की जिम्मेदारियों को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया है।
पति ने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से की मुआवज़े की मांग
इस गंभीर मामले में जितेंद्र ने जिलाधिकारी सोनभद्र और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर कार्रवाई और मुआवज़े की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि नौगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही के कारण उनकी पत्नी अपेक्षित सुरक्षा नहीं पा सकीं और असफल ऑपरेशन का सीधा असर उनके जीवन और भविष्य पर पड़ा है।
जितेंद्र ने अपने पत्र में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने और अनियोजित गर्भधारण से उत्पन्न जिम्मेदारियों के लिए उपयुक्त मुआवज़ा प्रदान किए जाने की मांग उठाई है। यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता नियंत्रण और परिवार नियोजन कार्यक्रमों की पारदर्शिता पर गहन मंथन की आवश्यकता को उजागर करता है।

