BMC Election 2025: महाराष्ट्र निकाय चुनाव से पहले बड़ा उलटफेर, सपा-कांग्रेस गठबंधन टूटा दोनों पार्टियां अकेले लड़ेंगी चुनाव

BMC Election 2025: महाराष्ट्र निकाय चुनाव से पहले बड़ा उलटफेर, सपा-कांग्रेस गठबंधन टूटा दोनों पार्टियां अकेले लड़ेंगी चुनाव

BMC Election 2025: महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने मंगलवार को एक बड़ा राजनीतिक बयान देते हुए स्पष्ट कर दिया कि आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) अब किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सपा मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में अपने बलबूते चुनाव मैदान में उतरेगी।

बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार का असर

बिहार चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद महागठबंधन पर इसके दुष्परिणाम दिखाई देने लगे हैं। कांग्रेस केवल 6 सीटों पर सिमट गई थी, जिसके बाद से सहयोगी दलों में असंतोष बढ़ने लगा। इसी राजनीतिक पृष्ठभूमि में महाराष्ट्र में होने वाले जनवरी 2025 के स्थानीय निकाय चुनाव से पहले सपा का कांग्रेस से अलग होने का फैसला कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

कांग्रेस पर सीधा हमला, सीट बंटवारे पर नाराज़गी

अबू आसिम आजमी ने कहा कि गठबंधन टूटने का मुख्य कारण कांग्रेस का व्यवहार रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बिना चर्चा के ही दो सीटों की घोषणा कर दी थी। इसके बावजूद सपा ने सेक्युलर वोटों के बंटवारे से बचने के लिए कई बार समझौता किया।

आजमी ने कहा, “बड़ी पार्टियां हमेशा छोटी पार्टियों को दबाने की कोशिश करती हैं। कांग्रेस का घमंड ही उसे कमजोर कर रहा है, पार्टी में नेतृत्व की कमी है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गठबंधन होने के बावजूद कांग्रेस बातचीत के लिए पार्टनर्स को बैठक में नहीं बुलाती।

अखिलेश यादव ने दी अकेले लड़ने की मंजूरी

सपा अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें महाराष्ट्र में पार्टी को मजबूत करने के लिए अकेले चुनाव लड़ने की पूरी अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि मुंबई के कई इलाकों, खासकर मानखुर्द और शिवाजी नगर को विकास के लिए बेहद कम फंड मिलता है, जबकि वहीं की जनता अधिक समस्याओं से जूझ रही है।

मनसे (MNS) के मुद्दे पर आजमी ने कहा कि पार्टी ने उत्तर भारतीयों का बड़ा अपमान किया है, और “जो भी मनसे का साथ देगा, उसे नुकसान ही होगा।”

उन्होंने मुंबई की स्लम बस्तियों की समस्याओं पर भी तीखा सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आज भी कई झोपड़पट्टी इलाकों में लोगों को साफ पानी जैसी बुनियादी सुविधा तक नहीं मिल रही है। सपा खुद को वंचित, दलित और पिछड़े वर्गों की आवाज बताती है और उन्हीं के मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी।

बीएमसी चुनाव को लेकर सपा ने मांग की है कि नगरसेवकों की सीटों का आरक्षण कम से कम एक साल पहले घोषित किया जाए ताकि उम्मीदवारों को तैयारी का पर्याप्त समय मिल सके।

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