Bijnor News: बिजनौर में 20 गांवों के ग्रामीण रोज गंगा पार करते समय झेलते हैं मौत का जोखिम

Bijnor News: बिजनौर में 20 गांवों के ग्रामीण रोज गंगा पार करते समय झेलते हैं मौत का जोखिम

Bijnor News: राजारामपुर क्षेत्र के लगभग 20 गांवों के सैकड़ों लोग आज भी गंगा नदी पार करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं। दशकों से विकास के वादे सुनते-सुनते ग्रामीण थक चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। नेता चुनावों में पुल निर्माण का भरोसा दिलाते हैं, मगर चुनाव समाप्त होते ही यह इलाका फिर से उपेक्षा की उसी स्थिति में लौट जाता है।

डगमगाती नाव और तेज बहाव के बीच रोजमर्रा की मजबूरी

राजारामपुर में रहने वाले किसान, मजदूर, महिलाएं और विद्यार्थी हर दिन मौत के साए में गंगा नदी पार करते हैं। नदी का तेज बहाव और उसके ऊपर डगमगाती लकड़ी की नाव, जिसमें ट्रैक्टर-ट्रॉली तक चढ़ाई जाती है—यह दृश्य वर्षों से यहां की सच्चाई बना हुआ है। खेतों की बोआई, कटाई और परिवहन के लिए ग्रामीणों के पास यही एकमात्र रास्ता है।

दशकों से जारी पुल की मांग, पर सुनवाई नहीं

ग्रामीण बताते हैं कि बीते कई वर्षों से स्थायी पुल की मांग की जा रही है, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। चुनाव आते ही नेता यहां चक्कर लगाते हैं, मंदिरों में वादे करते हैं, कसमें खाते हैं, लेकिन जीतते ही सब कुछ भूल जाते हैं।
बारिश के मौसम में स्थिति और भयावह हो जाती है। नदी का बहाव कई गुना बढ़ जाता है, और नाव पलटने की आशंका हर समय बनी रहती है।

हादसों ने छीनी कई जिंदगियां

इस क्षेत्र में पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। कई नावें पलट चुकी हैं, जिनमें ग्रामीणों की जान गई है। एक बार तो नाव पलटने की बड़ी घटना में 10 लोगों की मौत भी हो गई थी। इसके बावजूद आज तक स्थायी पुल का निर्माण नहीं हो पाया।

ग्रामीणों का कहना है कि दो वक्त की रोटी कमाने के लिए उन्हें रोजाना मौत के बीच से गुजरना पड़ता है। उनके अनुसार इस जोखिम से छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय है कि यहां एक मजबूत स्थायी पुल का निर्माण हो। लोगों को आशंका है कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता।

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