
Sultanpur News: एक्सप्रेसवे प्राइवेट वीडियो लीक केस में बड़ा ट्विस्ट- आशुतोष ने तोड़ी चुप्पी
Sultanpur News: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर कपल के प्राइवेट पलों का वीडियो लीक करने के आरोप में घिरे एटीएमएस (एंटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) के असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष ने पहली बार खुलकर अपनी बात रखी है। वायरल वीडियो और ब्लैकमेलिंग के आरोपों के बाद जहां उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई और नौकरी से भी हटा दिया गया, वहीं आशुतोष ने पूरे मामले को अंदरूनी साज़िश करार देते हुए कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। उनका कहना है कि वीडियो जिस तारीख का बताया जा रहा है, उस दिन वह ड्यूटी पर ही नहीं थे और पूरी घटना उन्हें फंसाने की सोची-समझी योजना का हिस्सा है।
“वीडियो वाले दिन मैं ड्यूटी पर नहीं था”
आशुतोष के अनुसार जिस दिन कपल का प्राइवेट वीडियो रिकॉर्ड किया गया और बाद में वायरल हुआ, वह उस दिन ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के ही कुछ लोगों ने उनकी छवि धूमिल करने और उन्हें सिस्टम से बाहर करने के लिए यह पूरा खेल रचा है। उनका कहना है कि स्थानीय लॉबी पहले से ही उन्हें हटाने का प्रयास कर रही थी और उसी लॉबी के लोग इस वीडियो के पीछे हैं, जिन्होंने कपल का नाम आगे रखकर पूरा मामला उनके खिलाफ खड़ा कर दिया।
“न पैसे लिए, न धमकी दी”
32 हजार रुपये की कथित वसूली और ब्लैकमेलिंग के आरोपों पर आशुतोष ने साफ कहा कि उन्होंने न तो किसी से पैसे लिए और न ही किसी प्रकार की धमकी दी। उन्होंने कहा कि पीड़ित कपल ने भी इस संबंध में उनसे किसी गलत व्यवहार की शिकायत नहीं की। आशुतोष का आरोप है कि शिकायत करवाने वाले वही स्थानीय युवक हैं, जो लंबे समय से उन्हें हटाने की कोशिश कर रहे थे और कपल का नाम आगे करके मामला बढ़ाया गया।
ज़ूम फुटेज को बताया ‘ड्यूटी का हिस्सा’
वीडियो क्लिप में गाड़ी को ज़ूम करने पर उठे सवालों का जवाब देते हुए आशुतोष ने कहा कि एटीएमएस प्रणाली में किसी भी खड़ी वाहन को ज़ूम कर चेक करना मानक प्रक्रिया है। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेसवे पर गाड़ी खड़ी मिलने पर यह सुनिश्चित करना जरूरी होता है कि कोई तकनीकी खराबी, सुरक्षा समस्या या मेडिकल इमरजेंसी तो नहीं है। आशुतोष का कहना है कि यह प्रक्रिया प्रोटोकॉल का हिस्सा है, न कि किसी की निजी ज़िंदगी में दखल देने का प्रयास।
स्थानीय महिलाओं से जुड़े एक अन्य फुटेज के आरोप पर उन्होंने स्वीकार किया कि एक बार सुबह पांच बजे के करीब एक कर्मी से गलती हुई थी। आशुतोष के अनुसार, जैसे ही उन्हें जानकारी मिली, उन्होंने तत्काल उस कर्मचारी को चेतावनी देकर कार्रवाई की, लेकिन उस एक घटना को बार-बार उनके नाम पर लगाया जा रहा है।
FIR, टर्मिनेशन और बैकडेटिंग का आरोप
हलियापुर थाने के उपनिरीक्षक मोहम्मद रफ़्फ़ान द्वारा आशुतोष पर FIR दर्ज की गई है, जिसमें उन्हें BNS (2023) की धारा 308(2) के तहत आरोपी बनाया गया है। आरोप लगते ही एटीएमएस का संचालन करने वाली कंपनी ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। हालांकि, जांच में यह सामने आया कि कंपनी के दस्तावेज़ों में टर्मिनेशन की तारीख 30 नवंबर दर्ज है, जबकि पीड़ित कपल ने शिकायत 2 दिसंबर को की थी। इससे आशुतोष ने कंपनी पर बैकडेट में टर्मिनेशन दिखाने का गंभीर आरोप लगाया है।
आशुतोष का कहना है कि वह हमेशा से बेदाग छवि के साथ काम करते रहे हैं। उन्होंने संबंधित सबूत पुलिस को सौंप दिए हैं और दावा किया है कि जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी। उनके मुताबिक, यह पूरा प्रकरण केवल एक वीडियो लीक से बढ़कर अंदरूनी राजनीति और साज़िशों का हिस्सा बन गया है।

