
Chandauli News: फर्जी अनारक्षित टिकट से सावधान, डीडीयू रेल मंडल ने चलाया जागरूकता अभियान
Chandauli News: चंदौली में पंडित दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) रेल मंडल ने यात्रियों को फर्जी अनारक्षित टिकटों के खतरे से बचाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान शुरू किया है। रेलवे प्रशासन का कहना है कि बढ़ते नकली टिकट के मामलों को देखते हुए यह पहल आवश्यक हो गई है, ताकि यात्री सुरक्षित और बिना किसी कानूनी परेशानी के यात्रा कर सकें।
3 दिसंबर 2025 को चार प्रमुख स्टेशनों पर चला विशेष अभियान
डीडीयू रेल मंडल का वाणिज्य विभाग आज यानी 3 दिसंबर 2025 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, गया, सासाराम और डेहरी ऑन सोन स्टेशनों पर संयुक्त रूप से जागरूकता अभियान चलाया। अधिकारियों और कर्मचारियों ने यात्रियों को असली अनारक्षित (जनरल) टिकट की पहचान और सही खरीद प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
असली अनारक्षित टिकट की 5 सबसे महत्वपूर्ण पहचान
भारतीय रेल द्वारा जारी अनारक्षित टिकट (UTS) में कई सुरक्षा फीचर्स शामिल होते हैं। टिकट लेते समय इन पांच बिंदुओं पर ध्यान दें:
- वॉटरमार्क – टिकट की स्टेशनरी पर भारतीय रेल का वॉटरमार्क मौजूद होता है।
- खास फॉन्ट – टिकट में छपे A, E, I, O, U अक्षर विशेष फॉन्ट में दिखाई देते हैं।
- इंजन का चिन्ह – टिकट के ऊपरी बाएँ कोने पर इंजन का छोटा लोगो होता है।
- स्टॉक और रैंडम नंबर – प्रत्येक टिकट पर एक स्टॉक नंबर और एक यादृच्छिक (Random) संख्या दर्ज रहती है।
- QR कोड – थर्मल प्रिंटर से जारी टिकटों में क्यूआर कोड जरूर होता है।
टिकट खरीदने के अधिकृत और सुरक्षित माध्यम
रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे केवल वैध टिकट ही खरीदें और किसी भी अनधिकृत व्यक्ति से टिकट न लें। टिकट खरीदने के मान्य विकल्प:
- स्टेशन के अधिकृत टिकट काउंटर
- ATVM (ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन)
- UTS मोबाइल ऐप (रेलवे का आधिकारिक ऐप)
महत्वपूर्ण: मोबाइल टिकट केवल UTS ऐप के अंदर ही मान्य होता है। स्क्रीनशॉट या गैलरी की फोटो दिखाने पर टिकट को वैध नहीं माना जाएगा।
टीटीई ऐप से तुरंत पकड़ में आएगा फर्जी टिकट
फर्जी टिकटों पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे ने टिकट जांच करने वाले कर्मचारियों को विशेष TTE ऐप उपलब्ध कराया है। यह ऐप टिकट के QR कोड को स्कैन कर या UTS नंबर दर्ज कर तुरंत ऑनलाइन टिकट की वास्तविकता जांच सकता है।
यात्रियों को फर्जी दलालों से बचने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना आरपीएफ या संबंधित रेलवे अधिकारियों को देने की अपील की गई है।
रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि फर्जी टिकट के साथ यात्रा करना कानूनन अपराध है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे सतर्क रहें, केवल अधिकृत माध्यमों से ही टिकट खरीदें और सुरक्षित यात्रा का आनंद लें।

