
Sonbhadra News: सोनभद्र में कोडीन सिंडिकेट की उलटी गिनती शुरू, पुलिस ने खोली तस्करी की काली किताब
Sonbhadra News: सोनभद्र पुलिस ने कोडीन युक्त कफ सीरप की तस्करी में लगे एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश कर जिले में सक्रिय माफिया नेटवर्क की जड़ें हिला दी हैं। मास्टर माइंड भोला प्रसाद जायसवाल की गिरफ्तारी के बाद अब पूरा सिंडिकेट पुलिस निगरानी में आ चुका है। पुलिस इस गिरोह से जुड़े सभी फरार फर्म संचालकों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
बरकरा गांव की दो मेडिकल फर्में रैकेट की अहम कड़ी
राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बरकरा गांव में पोखरे के पास संचालित दो मेडिकल फर्में
- मेसर्स मां कृपा मेडिकल
- मेसर्स शिविक्षा फार्मा
पूरे तस्करी नेटवर्क की सबसे मजबूत कड़ी बताई जा रही हैं। इन फर्मों के संचालक सत्यम कुमार जायसवाल और उनके भाई विजय गुप्ता, दोनों वाराणसी निवासी, कफ सीरप की भारी खेप पकड़े जाने के तुरंत बाद फरार हो गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों की गिरफ्तारी किसी भी समय हो सकती है।
जांच के तेज होते ही कई अन्य मेडिकल फर्मों के नाम भी सामने आ रहे हैं, जिनके माध्यम से करोड़ों रुपये का अवैध दवा कारोबार फल-फूल रहा था। पुलिस सभी फर्मों को चिह्नित कर रही है ताकि पूरे सिंडिकेट को जड़ से खत्म किया जा सके।
18 अक्टूबर की कार्रवाई से खुला पूरा खेल
लंबे समय से कोडीनयुक्त न्यू फेंसाडील कफ सीरप का गैर-चिकित्सकीय उपयोग तेजी से बढ़ रहा था। इसी बीच 18 अक्टूबर को सोनभद्र पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो कंटेनरों से 1.20 लाख कफ सीरप की खेप बरामद की। यह बरामदगी पूरे रैकेट की पहली बड़ी कड़ी साबित हुई और इसके बाद गिरोह की परतें तेजी से खुलनी शुरू हो गईं।
स्लीपर सेल जैसी संरचना में संचालित था नेटवर्क
नगर क्षेत्राधिकारी रणधीर कुमार मिश्रा के मुताबिक, कफ सीरप सप्लाई के लिए एक बेहद मजबूत और गुप्त स्लीपर सेल जैसा नेटवर्क तैयार किया गया था, जिसमें कई जिलों के संपर्क शामिल थे। मास्टर माइंड भोला प्रसाद जायसवाल के खिलाफ पूर्वांचल के कई जिलों में पहले से ही मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस अब पूरे तस्करी रैकेट को ध्वस्त करने की दिशा में लगातार कार्रवाई कर रही है, और जल्द ही होने वाली अगली गिरफ्तारी इस केस में एक बड़ा खुलासा कर सकती है।

