
Hapur News: ग्राहक आईडी से सिम बेचने वाला आरोपी नरैना पुलिया से गिरफ्तार, साइबर सैल की बड़ी कार्रवाई
Hapur News: हापुड़ साइबर सैल ने ग्राहक आईडी के जरिए सिम एक्टिवेट कर उन्हें महंगे दामों पर बेचने वाले आरोपी को नरैना पुलिया से गिरफ्तार कर बड़ा खुलासा किया है। आरोपी लोगों के दस्तावेज़ों का दुरुपयोग कर फर्जी तरीके से सिम कार्ड सक्रिय करता था।
कपूरपुर थाना क्षेत्र के गांव सपनावत के पास नरैना पुलिया से गिरफ्तार युवक ने साइबर सैल के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपी लोगों की पहचान का इस्तेमाल करके सिम कार्ड एक्टिवेट करता था और फिर इन सिम कार्डों को ऊंची कीमत पर बेच देता था। इसी दौरान उसके पास से सिम कार्ड और मोबाइल फोन भी बरामद किए गए।
कैसे खुला पूरा मामला?
साइबर क्राइम मुख्यालय को ‘चेतन टेलीकॉम’ नाम से चल रहे एक POS के खिलाफ शिकायत मिली थी। टीम ने बताए गए पते पर पहुंचकर जांच की, लेकिन वहां किसी भी तरह की दुकान मौजूद नहीं थी।
तलाश तेज हुई तो मुखबिर से सूचना मिली कि वही संदिग्ध युवक सपनावत से इकलैडी की ओर जा रहा है। टीम ने गंग नहर पटरी पर निगरानी बढ़ाई और नरैना पुलिया के पास युवक को गिरफ्तार कर लिया। इसी मोड़ पर पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा होना शुरू हुआ।
“आईडी से सिम एक्टिवेट” और फिर महंगी बिक्री
पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम बलराम, निवासी इकलैडी, बताया। तलाशी में उसके पास एक मोबाइल और एक सिम मिला। उसने स्वीकार किया कि वह 2023 में टेलीकॉम कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर से POS लेकर काम कर रहा था।
- उसका तरीका बेहद चौंकाने वाला था—
- ग्राहकों की आईडी से सिम एक्टिवेट करना
- फिर बहाना बनाना कि “सॉफ़्टवेयर काम नहीं कर रहा”
- ग्राहकों को बाद में आने के लिए कहना
- एक्टिवेट की गई सिम को अपने पास रख लेना
- और बाद में वही सिम कार्ड महंगे दाम पर बेच देना
यह पूरा खेल सिर्फ ज्यादा के लिए किया जा रहा था।
बिना अल्टरनेट नंबर के एक्टिवेट
साइबर सैल की टीम ने तीन सिम कार्डों की जांच की। सभी सिम आरोपी की POS ID से एक्टिवेट पाए गए। इनमें किसी भी प्रकार का alternate mobile number दर्ज नहीं था। इससे साफ होता है कि फर्जीवाड़ा छिपाने के लिए रिकॉर्ड जानबूझकर अधूरा छोड़ा जाता था।
कार्यवाहक साइबर सैल प्रभारी प्रबल कुमार पंकज ने पुष्टि की कि आरोपी के सहयोगियों की भी तलाश जारी है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि: POS का दुरुपयोग किया गया, आईडी क्लोनिंग की भी आशंका है, और सिमों की अवैध बिक्री का नेटवर्क फैल रहा था। पुलिस ने बरामद मोबाइल फोन और सिम कार्डों को सबूत के रूप में जब्त कर लिया है।
नागरिकों के लिए चेतावनी
पुलिस ने आम लोगों से अपने दस्तावेज़ों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की अपील की है। किसी भी संदिग्ध अनुरोध पर पहचान पत्र साझा न करें। यदि किसी को अज्ञात नंबरों की एक्टिवेशन सूचना या संदिग्ध गतिविधि मिले तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन या नजदीकी थाने से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
POS का पता फर्जी निकला
जांच के दौरान यह भी उजागर हुआ कि सपनावत स्थित शिव मंदिर के पास ‘चेतन टेलीकॉम’ नाम से कोई POS मौजूद ही नहीं है। इससे स्पष्ट होता है कि आरोपी ने फर्जी पते का इस्तेमाल किया था, जिससे शिकायतों से बचा जा सके।
अब पुलिस POS वितरक की भूमिका, जिन ग्राहकों की आईडी का इस्तेमाल हुआ, और नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान कर रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि कितने लोग इस धोखाधड़ी का शिकार बने हैं।

