SP MLA Sudhakar Singh Death: घोसी से सपा विधायक सुधाकर सिंह का निधन, 67 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

SP MLA Sudhakar Singh Death: घोसी से सपा विधायक सुधाकर सिंह का निधन, 67 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

SP MLA Sudhakar Singh Death: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक सुधाकर सिंह का निधन हो गया है। लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। इस दुखद खबर से पूरे घोसी सहित आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई है।

67 वर्षीय सुधाकर सिंह की तबीयत 17 नवंबर को अचानक बिगड़ गई थी। वे दिल्ली में मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी के रिसेप्शन से लौटे थे, जिसके बाद उनकी हालत लगातार खराब होती चली गई। इलाज के दौरान गुरुवार को उनका निधन हो गया।

दारा सिंह चौहान को हराकर बने थे MLA

सुधाकर सिंह ने 2023 के घोसी उपचुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री रहे दारा सिंह चौहान को हराकर शानदार जीत दर्ज की थी। यह जीत बेहद अहम मानी गई थी क्योंकि इस सीट पर सपा और भाजपा, दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर थी।

इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने शुरुआत में उन्हें टिकट दिया था, लेकिन अंतिम समय में टिकट बदलकर दारा सिंह चौहान को दे दिया गया। टिकट कटने के बाद सुधाकर सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा, पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

2023 में दारा सिंह चौहान दोबारा भाजपा में शामिल हुए और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद हुए उपचुनाव में सुधाकर सिंह ने जीत हासिल की और सपा के मजबूत नेता के रूप में उभरे।

घोसी में होगा अंतिम संस्कार

सपा विधायक का अंतिम संस्कार घोसी के उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। परिवार में उनकी पत्नी और बेटा डॉ. सुजीत सिंह हैं। गांव में अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो गई है और बड़ी संख्या में नेता एवं समर्थक वहां पहुंच रहे हैं।

समाजवादी पार्टी ने भी X (Twitter) पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा- “ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें। भावपूर्ण श्रद्धांजलि।”

तीन बार रहे विधायक

सुधाकर सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत नत्थूपुर विधानसभा सीट (परिसीमन के बाद मधुबन) से जीत के साथ की थी। इसके बाद वे घोसी सीट से दो बार विधायक बने। उनकी राजनीतिक यात्रा में कई उतार-चढ़ाव रहे, लेकिन हर बार उन्होंने मजबूती के साथ वापसी की।

सुधाकर सिंह अपनी तेजतर्रार शैली, बेबाक व्यक्तित्व और जनता की समस्याओं पर सीधे सवाल उठाने के लिए जाने जाते थे। अधिकारियों से सीधेतौर पर जवाब मांगने में वे कभी पीछे नहीं हटते थे। इसी वजह से उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए, हालांकि बाद में उन्हें सभी मामलों में जमानत मिल गई थी।

CATEGORIES
TAGS
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)