
Jhansi News: ATS रखेगा मदरसों पर कड़ी नजर- मौलाना, शिक्षकों और छात्रों का पूरा ब्यौरा भेजना पड़ेगा
Jhansi News: झांसी में यूपी सरकार ने मदरसों की सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करते हुए नया आदेश जारी किया है। इसके तहत अब मदरसों में पढ़ने और पढ़ाने वाले सभी लोगों—मौलाना, शिक्षक और छात्रों—का पूरा बॉयोडाटा एटीएस (एंटी टेरेरिज्म स्क्वॉड) को भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। जांच पूरी होने के बाद ही इन व्यक्तियों को मदरसों में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। सरकार के इस नए नियम के बाद शहर के मदरसों का संचालन करने वाले संस्थानों में हलचल बढ़ गई है और वे सभी संबंधित लोगों का रिकॉर्ड तैयार करने में जुट गए हैं।
व्हाइट कॉलर टेरेरिज्म मॉड्यूल के खुलासे के बाद बड़ी कार्रवाई
हाल ही में डॉक्टरों के आतंकी मॉड्यूल (व्हाइट कॉलर टेरेरिज्म मॉड्यूल) का भंडाफोड़ होने के बाद यूपी सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने का निर्णय लिया। इसी के तहत बुंदेलखंड के सभी मदरसों में गहन बैकग्राउंड वेरिफिकेशन प्रोटोकॉल लागू कर दिया गया है। अब जिले के सभी मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों को मौलाना और छात्रों का पूरा रिकॉर्ड, जिसमें उनकी व्यक्तिगत प्रोफाइल, स्थायी पता, आधार कार्ड विवरण, मोबाइल नंबर और अन्य पहचान दस्तावेज शामिल हैं, एटीएस के पास जमा कराना होगा। झांसी का एटीएस सेल इन सभी दस्तावेजों की जांच में सक्रिय रूप से जुट गया है।
संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर
सूत्रों के अनुसार यह सर्वे सामान्य औपचारिकता नहीं है, बल्कि एक विस्तृत सुरक्षा ऑडिट का हिस्सा है। हाल ही में कई धार्मिक शिक्षण संस्थानों में बाहरी राज्यों के युवाओं की बढ़ती आवाजाही ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया था। इसी वजह से अब एटीएस मदरसों से जुड़े हर व्यक्ति की गतिविधियों का विस्तृत बैकग्राउंड खंगाल रही है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को शुरुआती स्तर पर ही चिन्हित किया जा सके। इस प्रक्रिया के दौरान मौजूदा मौलाना, शिक्षकों के साथ-साथ पूर्व छात्रों तक का डेटा तैयार किया जा रहा है।
दिल्ली ब्लास्ट बना टर्निंग प्वाइंट
दिल्ली में हाल ही में हुए धमाके ने खुफिया एजेंसियों को पूरी तरह सतर्क कर दिया है। इस घटना में कुछ उच्च शिक्षित संदिग्धों के शामिल होने के संकेत मिलते ही सुरक्षा ढांचे को और मजबूत किया जा रहा है। अब केवल मदरसे ही नहीं, बल्कि बुंदेलखंड के कई महाविद्यालय भी जांच के दायरे में लाए जा रहे हैं, ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोका जा सके।

