Bihar Deputy CM: महिला को मिलेगा बिहार डिप्टी CM का पद, कौन कौन है इसका दावेदार? 19 नवंबर से पहले तेज़ हुई सियासी सरगर्मी

Bihar Deputy CM: महिला को मिलेगा बिहार डिप्टी CM का पद, कौन कौन है इसका दावेदार? 19 नवंबर से पहले तेज़ हुई सियासी सरगर्मी

Bihar Deputy CM: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA के 200 से अधिक सीटें हासिल करते ही राज्य की राजनीति में नई हलचल तेज़ हो गई है। मुख्यमंत्री पद पर तो “नो वैकेंसी” का बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री के इस्तीफा सौंपने के तुरंत बाद उपमुख्यमंत्री पद को लेकर ज़ोरदार राजनीतिक गतिविधियाँ शुरू हो गईं।

इस बार समीकरण केवल जातीय संतुलन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें जेंडर की बड़ी भूमिका दिखाई दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों की राजनीति में महिलाएँ हमेशा से अहम रही हैं। ऐसे में 19 नवंबर से पहले इस पद पर किसका नाम तय होता है, इसे लेकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है।

महिला कार्ड: एक चेहरे से दो बड़े राजनीतिक लक्ष्य

बीजेपी के केंद्रीय सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस बार “महिला कार्ड” को सबसे मज़बूती से आगे बढ़ाना चाहती है। मंशा यह है कि एक ही महिला चेहरे के माध्यम से सवर्ण या पिछड़ा/अतिपिछड़ा—दोनों वर्गों को साधा जा सके।

सवर्ण महिला कार्ड: श्रेयसी सिंह सबसे आगे?

पूर्व शूटिंग चैंपियन से नेता बनीं श्रेयसी सिंह का नाम इस समय सबसे ज़ोरों से चर्चा में है। युवा, ऊर्जावान और सवर्ण समुदाय से आने के कारण वे पार्टी की कई प्राथमिकताओं पर फिट बैठती हैं।

पिछड़ा/अतिपिछड़ा महिला कार्ड: रमा निषाद पर नज़र

अतिपिछड़ा और महिला—दोनों समीकरणों को साधने के लिए रमा निषाद एक बड़ा विकल्प मानी जा रही हैं। यदि पार्टी उन पर दांव लगाती है, तो यह वर्गीय राजनीति में बड़ा संदेश होगा।

पुरुष नेता: क्या ओबीसी कार्ड फिर चलेगा?

अगर फैसला महिला के बजाय पुरुष नेता के पक्ष में जाता है, तो OBC वर्ग से दो नाम मज़बूती से उभरकर सामने आए हैं।

सम्राट चौधरी: वर्तमान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का नाम शीर्ष पर है। वे चुनाव अभियान के प्रमुख चेहरे रहे और पहले भी इस पद का अनुभव रखते हैं, इसलिए नेतृत्व उनके पक्ष में जा सकता है।

रामकृपाल यादव: पूर्व सांसद रामकृपाल यादव संगठन से लेकर बूथ स्तर तक मज़बूत पकड़ रखते हैं। बतौर OBC चेहरा, वे भी रेस में महत्वपूर्ण नाम बने हुए हैं।

सवर्ण वर्ग: दिल्ली और पटना लॉबी में टकराव

सवर्ण समुदाय से भी कई दिग्गज नाम उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में नज़र आ रहे हैं, जिससे दिल्ली और पटना की राजनीतिक लॉबी के बीच प्रतिस्पर्धा स्पष्ट दिखती है।

मंगल पांडेय: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के संबंध केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार—दोनों से अच्छे हैं। ऐसे में सहमति बनने पर उनका नाम मज़बूती से उभर सकता है।

रजनीश कुमार: रजनीश कुमार, जो पार्टी के सचेतक और राष्ट्रीय संगठन में सक्रिय रहे हैं, का नाम भी दौड़ में तेज़ी से उभर रहा है। दिल्ली लॉबी द्वारा उनकी दावेदारी सबसे मज़बूत बताई जा रही है।

विजय सिन्हा: पूर्व उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का नाम भी सामने आया लेकिन चर्चा है कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। ऐसे में उपमुख्यमंत्री पद की रेस में उनका दावा कमजोर होता दिख रहा है।

राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व ऐसा चेहरा सामने लाना चाहेगा जो न सिर्फ़ जातीय और जेंडर संतुलन साधे, बल्कि आने वाली बिहार राजनीति में भी अहम भूमिका निभा सके।

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